शनिवार, 12 नवंबर 2011

दूध भात..


खा ले बौआ दूध भात
नमहर हयबे पाँच हाथ
नानीक घर जा नाम कमैहे
मामा-मामी कह्तोऊ झात .....

पान मखानक सुन्दर मेल
धान माछ मिथिला में भेल
हंसे चान आ हुलकी मारै
मेघे तर स कहै झात .....

बाबु गेला काज पर
काजक बोझ समाज पर
जल्दी स नमहर भ पढ़बे
तखनहि बुझबे लोकक बात...

दूध में चीनी भेल निपता
रौद स बचाबेया छता
सीहकै जखन बसंत बसंती
बिआनी डोले गाछक पत्ता ......

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