गुरुवार, 3 मई 2012

****गजल ****

बड ब्यथित अछि मिथिला धाम हे राम कतो सौं आबि जाउ,...!
सुनु सन्तन क' करुण पुकार हे राम कतो सौं आबि जाउ .......!!

दुश्मन बाजी जीत नै लो' जाई डेराई अछि मोन एही संकट सौं ..!
भ' नै जाई ककरो आब मात हे राम कतो सौं आबि जाउ,.....!!

कांच घर अखन अहाँक भक्त के कांचे सबटा इमारत अछि .....!,
ओहू पर ई मेघ होय अछि घमसान कतो सौं आबि जाउ ........!!

मोनक डेरा में आब डॉर बसल अछि धुप्प अन्हरिया क'.....!
भ' नै जाई कतो राईत भगवान कतो सौं अबी जाउ .....!!

अन्ह्रायल आंखि में आब एकटा स्वप्न सजल अछि मिथिला क'
किये नै बुझै छी बात हे राम कतो सौं आबि जाउ.........!!

बूढ, जुआन आ बालक सेहो बाट ताकि अछि अपन स्वराजक .....!
धुंधलाएल किय अछि आसमान राम कतो सौं आबि जाउ ...........!!

बड ब्यथित अछि मिथिला धाम हे राम कतो सौं आबि जाउ,..........!
सुनु सन्तन क' करुण पुकार हे राम कतो सौं आबि जाउ ...........!!
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>>रूबी झा <<


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