बुधवार, 1 अगस्त 2012

गजल


राखब हमर राखी केर मान यौ भैया
बसल एही ताग हमर जान यौ भैया

यौ जुनि अहाँ बुझब ताग कच्चा एकरा
बहिनक लेल अछि अभिमान यौ भैया

जेना बचोलेंन लाज द्रोपदी क कन्हैया
तहिना हमरो राखबै सम्मान यौ भैया

श्रावण माषक अछि पूनम सोहावन
चम् चम् चमकि रहल चान यौ भैया

जोहै बाट बैसल बहिन परदेश में
तोरू अहाँ एम्हरो कहियो ध्यान यौ भैया

द रहल छै आशीष छोट भैया क ''रूबी ''
बड़ सँ माँगै छी आशीषक दान यौ भैया
आखर -१५
स्व सिनेह:-रूबी झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें