शनिवार, 6 अप्रैल 2013

!!नय गेली तय नाय गेली मुसाफिर तय कहेली ने !!

!!नय गेली तय नाय गेली मुसाफिर तय कहेली ने !!

नय बनत तय नय बनत मिथिला राज्य पर नेता जी तय कहयब ने ..

हमरा एक घर में बहुते हरबाह आ काज करे वाला सब अछि अहि में सs एक टा के ऊपर छोट खिशअ आह सब के समक्ष प्रस्तुत करे छि ओ कर नाम छल मल्हू ..
मल्हू के बाबा दादा हमरा घर में काज केत छल मल्हू से करेया ..
जखन खेती बाड़ी भय गे तय हमरा बाबा सs जा कअ मल्हू
मालिक किछु रुपया दैति तs हम पनिजाब सs भय अबिती इ सुनी बाबा कहलखिन जे किया रोउ मल्हू तू पंजाब किया जेबय मल्हू कलह कैन मालिक किछु पैसा कामा लेती आ कानी परदेसी घूम लैति बाब कहलखिन ठीक छइ जो बाबा ओकरा 500 सो रुपया देलखिन ओ बहुत खुस भय के अपना कनिया के कहाल्के जे हम कलिखन पनिजाब जायब तय आह हमर अंगी कुरता सब धो दिया कनिया सब टा तैयार काय देलकै ओ अगिला दिन घर सs निकलल पंजाब के लेल जैत-2 बाबा सs सेहो भेट घाट काय के गेल प्रणाम पाती सब सेहो केलकैन बाबा कहलखिन जे मल्हू ठीक सs जैह ...
मल्हू दरभंगा एस्टेसन पर पहुचल कानी देर बैसल ओइ के किछु देर बाद पंजाब जाय वाला गाड़ी आयल गाड़ी में बैसल के लेल ओ अन्दर जाय के बहुत प्रयास केलक मुदा ओकरा बूते अन्दर नय जा भेलाई ओ बेचारा वापस घुमि कs  ओ लोरिक यानि गाओं आबि गेल आबे में ओकरा राइत भय गेलाई भोरे भोरे बाबा के आबि कs भेट कल कैन बाबा चौकत कहलखिन जा मल्हू की भेलोउ किया ने गेला पंजाब .. मल्हू कहलकैन मालिक बहुत भीर छाले गड़ी पर चडिये नय पौली खैर जय दियोउ मालिक  नय गेली तय नाय गेली मुसाफिर तय कहेली ने .. इ सुनी बाबा बहुत जोर जोर सs हँसे लागला 



चन्दन झा "राधे"

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