शुक्रवार, 4 मई 2012

गजल

किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
एही दुनिया क रित डरा गेल हमरा

बेटीक बाप त करेज पिटे अछि देखू
हुनक ब्यथा देखि क' बजा गेल हमरा

कतेक निर्दय छैथ बेटा क बाप सब
नै अछि पाई त देखू भगा गेल हमरा

येह उचित थिक धन धान्य भरल छी
किछु पाई ल' किएक नचा गेल हमरा

अखनो चेतु अखनो सुधारू मिथिला के
अछि चिंतित ध्वस्त नै करा गेल हमरा
------सरल वर्णिक बहर वर्ण --१५-------
रूबी झा

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