गजल
जुलुम ऐना करै छी कोना
अहाँ ऐना बिसरै छी कोना
ककर राखी करेज मांथ
धक् सौ क' बजरै छी कोना
बैरिन मुख क' देखि अहाँ
हाथे छाहेर करै छी कोना
हमर आत्मा छाउर बना
आनक संग धरै छी कोना
सात जन्म क' संग फुसिये
एके जन्म में छोरै छी कोना
कहलों जिबी अहिं ल' ''रूबी''
सौतिन पर मरै छी कोना
सरल वार्णिक बहर वर्ण --१०
(स्व्स्नेह रूबी झा )
जुलुम ऐना करै छी कोना
अहाँ ऐना बिसरै छी कोना
ककर राखी करेज मांथ
धक् सौ क' बजरै छी कोना
बैरिन मुख क' देखि अहाँ
हाथे छाहेर करै छी कोना
हमर आत्मा छाउर बना
आनक संग धरै छी कोना
सात जन्म क' संग फुसिये
एके जन्म में छोरै छी कोना
कहलों जिबी अहिं ल' ''रूबी''
सौतिन पर मरै छी कोना
सरल वार्णिक बहर वर्ण --१०
(स्व्स्नेह रूबी झा )
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