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सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

अहाँक हँसब कमाल छले साथी - (कविता)

अहाँक हँसब कमाल छले साथी !
हमरा अहाँ पर मलाल छले साथी !!

दाग चेहरा पर दs गेलो अहाँ !
हम ते सोच्लो गुलाब छले साथी !!

रैत मs आबईत अछि अहिक सपना !
दिन मs अहिके ख्याल छले साथी !!

उइड़ गेल निंद हमर रैत के !
अहाँक एहने सवाल छले साथी !!

करै लए गेल छलो श्नेहक सौदा !
कियो आयल छलैथ दलाल साथी !!

अहाँक हँसब कमाल छले साथी !
हमरा अहाँ पर मलाल छले साथी !!

रचना: जितमोहन झा (जितू)

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