--- गजल----
जग में बेटी के सम्मान भेटै कहियो
 माई बापक अभिमान भेटै कहियो
 माँ केर कोईख सँ लेलें दुनु जनम,  
 मुदा अधिकार समान भेटै कहियो
 भैर देश के आई सम्हारने छै बेटी  
 अपन समाजो में मान भेटै कहियो
 
पहुँच गेलै बेटी अंतरिक्ष अखन
वसुंधरा पर सम्मान भेटै कहियो
भेल चौपट मिथिला दहेज प्रथा सँ
दहेज़ बिनु वरदान भेटै कहियो
घुटि मरे "रूबी" पुरुखक समाज में,
एको दिन नारी प्रधान भेटै कहियो
रुबी झा
 
 
 
 
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