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मंगलवार, 14 मई 2013

हमरा जीवन दर्शन करा दिअ माँ













हमरा जीवन दर्शन करा दिअ माँ
एही गगनक भ्रमण करा दिअ माँ
हम आतुर छी उड़बाक लेल माँ
आउ हमरा पंख बनबा दिअ माँ

अहाँक कोखमे सुतल सुतल
सपनामे हम उडैत रहै छी
जखन चाहलौं अहाँ उड़ाइ लेल
सोचलौं हमहूँ उड़ि रहल छी

उड़ैत अहाँकें देखि कs
मोन हमरो व्याकुल होइ यै माँ
माँ, लगा दिअ पंख हमरो
फेर सगर दुनिया हमर अछि माँ
हम मेघ पर जा कऽ बैसब,
बिजुरी संगे हम खेलब,
आ नुका कs अपन पाँजरमे
चंदा हम लs आनब !

माँ,सपना अछि बड़का हमर
एक बेड़ जीवन दान दऽ कs तs देखू
नै बनब बोझ हम अहाँ पर
खोलि दिअ मुट्ठी,फेर देखू उड़ान हमर
हमरा जीवन दर्शन करा दिया माँ
एही गगनक भ्रमण करा दिअ,
हम बेताब छि उड़ाबाक लेल "माँ"
हे माँ आउ हमरा पंख बनबा दिअ।


चन्दन झा ''राधे"

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