दहेज बनल हमर अभिशाप@प्रभात राय भट्ट
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
नन्हका छौराछेबारी बनल बाप 
दहेज बनल हमर अभिशाप 
बड़का बटुआ बाबु सियौनेछी 
हमर जिया किये तर्सौनेछी 
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
अगुआ घटक अबिते बाबु 
भोजैतछि अहां सभ बेकाबू 
काका मंगैय चैर पचास 
बाबु करैय पुरे पांचक आस
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
घटक घुईर जाईत कहैय रहू कुमार 
दहेज़ कारन जरल हमर कपार 
केस पाकल दाढ़ी पाकल 
चोट्क्ल हमर दुनु  गाल 
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
आब दाम कियो नै लगाबैय
बाबु देख अहांक झखरल माल 
बाप बनल अछि पैकारी 
बेट्टा बनल अछि मालजाल
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
सगरो लागल अछि देखू 
दहेज़ कुप्रथाक रोजगारी 
बेट्टा भलही रही जाय कुमार 
बापके लागल दहेजक बीमारी 
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
ऊमर बितल जाईय हमर 
बुढ़ारीमें कोना करब घ्यूढारी
मोन करेय हमहू जईतौ कोहबर 
बाबु छोडू इ दहेजक रोजगारी 
सभक बियाह भेलई यौ बाबु //
हमर लगन लगतै कहिया ...//२ 
 रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

 
 
 
 
1 टिप्पणियाँ:
Bahut Nik Rachna....Prabhat ji ke Dhanyawad...
Kumar Kali Bhushan
Mumbai - Keoti
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