गीत@ प्रभात राय भट्ट
सुन सुन रे  सुन पवन पुरबैया 
की लेने चल हमरो अप्पन गाम  
हमर जन्मभूमि वहि ठाम
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२
देश विदेश परदेश घुमलौं
मोन केर भेटल नहीं आराम 
साग रोटी खैब रहब अप्पने गाम 
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२ 
घर घर में छन्हि बहिन सीता 
राजर्षि जनक सन पिता 
सभ केर पाहून छथि राम 
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२ 
काशी घुमलौं मथुरा घुमलौं 
घुमलौं मका मदीना 
सभ सँ पैघ विद्यापति केर गाम 
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२ 
हिमगिरी कोख सँ बहैय कमला कोशी बल्हान
तिरभुक्ति तिरहुत छै जग में महान
दूधमति सँ दूध बहैय छै वैदेहीक गाम 
जतय छै  सुन्दर  मिथिलाधाम //२ 
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

 
 
 
 
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