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गुरुवार, 22 सितंबर 2011

भाई रे अना नै परो,..


भाई रे अना नै परो,
दहेज़ मुक्त मिथिला चाही त,
दहेज़ मुक्त मैथिल बैन जो,
भाई रे अना...............

जों ललचेवे टका तू लेवे,
जिनगी बनी जेतौ पनिसोह,
अपनों कनवे कनियो कनतौ,
ताई अंतरात्मा के नै जरो,
भाई रे अना.............

कनिया स वियाह कर मनिया(money) स नई,
मनिया नाचेताऊ कनिया साजेताऊ,
मनिया के मोह स अपना आप के बचो,
कनिया के स्नेह में तोउ डूबी जो ,
भाई रे अना.............

जिनगी रहलौ त पाई बड कमेवे,अपनों उरेबे हमरो बजेबे,
जाऊ कियो कहतु ससुर वाला पाई छैन,तखन कहइ ककरा मुह देखेबे,
अखनो छऊ मोका आब त सुधईर जो,
कलर के ठार कर गीत गुण गुणों,
भाई रे अना............

बाबु के मोन छैन लाथ नई ई करइ,
एक गलती स जिनगी नई ई सरेइ,
तोहर जिनगी छऊ तू बाबू के बूझो,
उज्वल भविष्य के अपने नई सुतो,
भाई रे अना नै परो,
दहेज़ मुक्त मिथिला चाही त,
दहेज़ मुक्त मैथिल बैन जो,
भाई रे अना...............
राचन:-
पंकज झा

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बुधवार, 21 सितंबर 2011

दहेज मुक्ति के लेल मिथिलांचल स शुरू भेल नव् प्रयास.

भारतीय संस्कृति के प्राचीन जनपद में स एक राजा जनक के नगरी मिथिलाक अतीत जतेक स्वर्णिम छल वर्तमान उतवे विवर्ण आइछ। देवभाषा संस्कृत के पीठस्थली मिथिलांचल में एक स बढ़ी क एक संस्कृत के विद्वान भेला जिनकर विद्वता भारतीय इतिहास के धरोहर आइछ। उपनिषद के रचयिता मुनि याज्ञवल्क्य, गौतम, कनाद, कपिल, कौशिक, वाचस्पति, महामह गोकुल वाचस्पति, विद्यापति, मंडन मिश्र, अयाची मिश्र, सन नाम इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में रवि के प्रखर तेज के समान आलोकित आइछ। चंद्रा झा मैथिली में रामायण के रचना केलि। हिन्दू संस्कृति के संस्थापक आदिगुरु शंकराचार्य के सेहो मिथिला में मंडन मिश्र के विद्वान पत्नी भारती स पराजित होव परलैन। कहल जाइत आइछ ओई समय मिथिला में पनिहारिन सब स संस्कृत में वार्तालाप सुनी शंकराचार्य आश्चर्यचकित भेला।
कालांतर में हिन्दी व्याकरण के रचयिता पाणिनी , जयमंत मिश्र, महामहोपाध्याय मुकुन्द झा “ बक्शी” मदन मोहन उपाध्याय, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “दिनकर”, बैद्यनाथ मिश्र “यात्री” अर्थात नागार्जुन, हरिमोहन झा, काशीकान्त मधुप, कालीकांत झा, फणीश्वर नाथ रेणु, बाबू गंगानाथ झा, डॉक्टर अमरनाथ झा, बुद्धिधारी सिंह दिनकर, पंडित जयकान्त झा, डॉक्टर सुभद्र झा, सन उच्च कोटि के विद्वान और साहित्यिक व्यक्तित्वों के चलते मिथिलांचलक ख्याति रहे। अइयो राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त कतिपय लेखक, पत्रकार, कवि मिथिलांचल स संबन्धित छैथ। मशहूर नवगीतकार डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्रा, कवयित्री अनामिका सहित समाचार चैनल तथा अखबार में चर्चित पत्रकारक बड़ाका समूह ई क्षेत्र स संबंधित छैथ। मगर एकर फायदा ई क्षेत्र के नहीं भेट पावी रहल आइछ। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा अनवरत उपेक्षा और स्थानीय लोकक विकाशविमुख मानसिकता के चलते कहियो देश का गौरव रहल इ क्षेत्र आई सहायता के भीख पर आश्रित आइछ। बढ़ीग्रस्त क्षेत्र होव के कारण प्रतिवर्ष इ क्षेत्र कोशी, गंडक, गंगा आदि नदि के प्रकोप झेलैत आइछ। ऊपर स कर्मकांड के बोझ स दबल इ क्षेत्र चहियो क भी विकास के नव अवधारणा के अपनेवा में सफल नै भ पवी रहल आइछ। जे लोक शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक रूप स सक्षम छैथ सब आत्मकेंद्रित अधिक छैथ, तै हेतु हुनकर योगदान ई क्षेत्र के विकास में नगण्य छैन। मिथिलांचल स जे कोनो प्रबुद्धजन बाहर गेला ओ कहियो घुमियो क ई क्षेत्र के विकास के तरफ ध्यान नहीं देलखिन। पूरा देश और विश्व में मैथिल मिल जेता मगर अपन मातृभूमि के विकासक हुनका कनिको चिंता नई छैन।
एहन में सामाजिक आंदोलन के जरूरत के देखैत स्थानीय और प्रवासी शिक्षित एवं आधुनिक विचार के एक युवा समूह नव तरीका स मिथिलाञ्चल में अपन उपस्थिती दर्ज़ करेला। दहेज मुक्त मिथला के बैनर के निचा संगठित भ इ युवक सब अपन इ मुहिम का नाम देलखिन “ दहेज मुक्त मिथिला”।
राचन:-
पवन झा”अग्निवाण”

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गुरुवार, 15 सितंबर 2011

मुन्नी बदनाम भेलैए किएक ?

एकटा हास्य कथा।

इंडिया टी वि में एकटा संगी सँ भेंट केने फिल्म सिटी नोएडा स अबैत रही। समाचार बूलेटिन के समय भ गेल रहै तही दुआरे हरबड़ाएल आकाशवाणी अबैत रही। हम सेक्टर 16 मेटो स्टेशन लक आएले रही की ओतए एकटा मित्र मदन भेंट भए गेलाह कुशल छेमक गप भेलाक बाद हम बजलहू भाए एखन हमरा जाए दियअ फेर कहियो गप नाद करब । ओ बजलाह यौ किशन अहू हरबड़ाएल नोएडा अबैत छी आ फूर सिन पड़ा जायत छी कहियो भेंटो घांट ने पहिन हमरा एकटा गप समझा दियअ तखन जाएब ।हम बजलहु जल्दी कहू त ओ बजलाह ई कहू त मुन्नी बदनाम भेलैए किएक ?
हम किछु बजितहु कि ताबैत डमरू डूगडूग के अवाज सुनलियै ओतए मेटो सीढ़ि लक बाबा भेंट भए गेलाह हमरा देखैत मातर ओ बजलाह हौ कारीगर बच्चा तोरे तकैत तकैत अई ठाम अएलहू पहिने हमरा जल्दी स एकटा गप बुझहाए दैए। हम बजलहू कोन गप यौ बाबा की ओ बजलाह हौ बच्चा एकटा गप कहअ त मुन्नी बदनाम भेलैए किएक ? हम बजलहु इ त हमरो नहि बुझहल अछि मुदा अहॉ कोन मुन्नी के गप कहि रहल छी। बाबा हॅसैत बजलाह हौ कारीगर तहू बड्ड अनठा अनठा के पुछैत छह कहअ त सौंसे दुनिया अनघोल भेल छै जे मुन्नी बदनाम भेलै शिला के जवानी तेरे हाथ न आनी। तई मे तोंही मीडियावला सभ और बेसी हल्ला केने छहक मुन्नी फिर से बदनाम हुई मुन्नी को देख डोला इमान। एतबाक नहि चैनलो में बचिया सभ देहदेखौआ कपड़ा पहिर खालि एहने समाचार सभ पढ़ैत छैक देखू वालीवुड मसल्ला मुन्नी बदनाम भेलै देखैत छहक इ समाचार देख सुनि दोसरो मुन्नी सभ बदनाम होइ लेल एखने स आतुर भेल छै। तहि दुआरे त हम पुछलियअ जे मुन्नी बदनाम भेलै किएक ?
बाबाक प्रशन सुनि त हम गुम भए गेलहु किछु ने फुरा रहल छहल आ हॅसी सेहो लागि रहल छह। बाबा फेर बजलाह हौ एतेक कथि सौचै मे लागल छह ज कहि दिमाग तिमाग भंगैठ जेतह त कोन ठिक तहू बदनाम भ जहियअ। देखहक एकटा गप त हम बुझहलियै जे जेबी मे एक्को टा पाइ नहि रहतह आ थूथून निक नहि रहतह त कतबो नाक रगरब त बापो जिनगी मे शिला के जवानी हाथ न आनी मुदा ई दोसर गप हमरा दिमागे मे ने घूसी रहल अछि जे मुन्नी बदनाम हुई। तहि दुआरे तोरा पुछलियअ जे मुन्नी बदनाम भेलै किएक ?हम बजलहु अच्छा बाबा एकटा गप कहू त अहा केना बुझहलियै जे मुन्नी बदनाम भेलै। बाबा बजलाह कहअ त सौंसे दुनिया ई गप अनघोल भेल छै तहू मे त आब शहर बजार स ल के गाम घर तक ई मुन्नी बदनाम ने भेलै कि हमरा रहनाई मुशकिल भए गेल। आब त कान दै जोग नहि रहलै जतै देखहक ततै मुन्नी बदनाम।
हम बजलहू अई यौ बाबा मुन्नी बदनाम भेलै त अहा किएक अकक्ष भेल छी। बाबा बजलाह हौ कारीगर अकक्ष की जान बचाएब मुशकिल भए गेल अछि देखैत छहक छौंडा मारेर सभ पूजा करैत काल मंदिरे मे गाबअ लगतह मुन्नी बदनाम भेलै हेतै यै मुन्नी अहा के गली गली मे चर्चा किदैन कहा । ततबेक नहि यै छौंडी सभ मंदिरे मे सप्पत खा खा बदनाम होइए के फिराक मे लागल रहतह। कहतह हे भोला बाबा तोंही जान बचबिहअ तोरा दू लोटा बेसी के जल चढ़ेबह। मुदा गारजियन सभ हमरा आबि आबि पुछतह यौ बाबा एतए कोनो मुन्ना मुन्नी के देखलियैए। आब त हमरा डरो होइए जे कहिं बदनाम होइ के झोंक मे कोइ हमरो लेल ने बदनाम भए जाय। तहू मे नबका तूरक धिया पूताक कोनो भरोस नहि एकरा सभ के पढ़नाइ लिखनाई मे कम आ बदनाम होइ मे बेसी मोन लगैत छैक। औग ने पौछ देखतह आ खाली बदनाम होइए के फिराक मे लागल रहतह। हम बजलहू अई यौ बाबा अहा लेल के बदनाम होइए।
बाबा बजलाह हौ बच्चा जूनि पूछह कि कहियअ पछिला कोजगरा मे हम अप्पन सासुर हरीपुर गेल रही कुशल छेमक गप भेलाक बाद हमर छोटकी सारि टुन्नी बजलीह यौ पाहुन एकटा गप कहू । हम कहलियैन कहू ने की एतबाक मे केम्हरो स हमर बीरपुर वाली सरहोइज चाह पान नेने दौगल अएलीह। हम एक घोंट चाह पीनैहे रही की बीरपुर वाली बजलीह पाहुन एकटा गप बुझहलियैए हम हुनका पुछलियैन कोन गप यै त ओ बाजल चुपू अनठिया कहि के बुरहारी मे खाली गप अनठा अनठा बजैत छी आ हमर सरहोइज सारि खूम जोर सॅ हा हा के हसैए लगलीह। फेर बीरपुर वाली खिखिआ के हसैत बजलीह टुन्नी बदनाम हेतै यै बुरहबा पाहुन अहि के लिए। टुन्नी ताली बजा बजा सुर मे ताल मिला गाबए लागल टुन्नी बदनाम हेतै यौ बुरहबा पाहुन अहि के लिए । हौ बच्चा टुन्नी के गप सुनी त कि कहियअ हम असमंजस मे परि गेलहु जे इ अपनो बदनाम होएत आ बुरहारी मे हमरा गंजन टा कराउत। डरे हम दोसर घोंट चाहो नहि पिलहु चाह सेरा के पानि भ गेल।
फेर कि भेल यौ हम उत्सुकतावस बाबा स पुछलियैन त ओ बजलाह हौ बच्चा सभटा गप तोरा कि कहियअ टुन्नी के हम कहलियै अई यै टुन्नी एतेक छौंडा मारेर सभ साइकिल ल के ओइ बाध स ओई बाध शहर स बजार मुन्नी के तकने फिरै छै तेकरा सभ लेल बदनाम हएब से नहि त फुसियाहि के हमरा पाछु लागल छी। टुन्नी बजलीह नहि यौ पाहुन हम त अहि लेल बदनाम होएब तब ने लोको हमरा चिनहत जे हमहू बदनाम होइ लेल आतुर भेल छी। भने मीडियावला सभ के एकटा खबर सेहो भेट जेतैए जे मुन्नी फिर बदनाम हुई आ हमरो कोनो धारावाहिक मे झगरलगौन माउगी वा कि कोनो फिल्म मे आइटम गर्ल के काज भेट जाएत। कि कहियअ टुन्नी के बदनाम हेबाक प्रबल इच्छा देखि हम फुर दिस अपना सासुर स बिदा भगलहु आ फेर कहियो हरीपुर नहि गेलहु। ओकर गप सुनि त डरे हमरा हुकहुकी धए लेलक जे कहि ठीके मे टुन्नी बदनाम भेलै आ कि एना केलकै त हमहू बदनाम भए जाएब। तहि दुआरे त कहलियअ हौ बच्चा जे कहिं कोई हमरो लेल ने बदनाम भए जाए तहू मे आबक धिया पूता के कोनो ठेकान नहि बदनाम होइ दुआरे फिलमी फंडा अपनौतह। गारजिअन के इ कहतह जे हम टीशन पढ़ै लेल जाइत छी आ पढ़नाइ छोड़ि के पार्क कॉफि हाउस घूमै लेल चलि जेतह आ बदनाम होइ के फिराक में लागल रहतह। जेना ओकरा सभ के और कोनो काजे नहि रहै तहिना।
बाबा बजलाह हौ बच्चा तू ख़बर लेल हाट बजार स ल के शहर गाम सभ ठाम जाइत छह मुदा हमरा एकटा गप नहि बुझहा देलह। हम पुछलियैन कोन गप यौ बाबा की ओ बजलाह अईं हौ कारीगर तहू बड्ड अनठाह भ गेलह तोरा त ई गप बुझहले हेतह जे मुन्नी भेलै आ तहू मे मीडियावला सभ और बेसी हल्ला केने छहक। कतए कोन मुन्नी बदनाम भेलै सेहो ख़बर रखैत छह मुदा हमरा सिरिफ एक्के टा गप बुझहा दए ने जे मुन्नी बदनाम भेलै किएक ?

लेखक - किशन कारीगर

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