रखु सम्हईर जुवानी जिआन नै करू@ प्रभात राय भट्ट
छोड़ी दिय आँचर पिया परेशान नै करू 
सदिखन प्रेमलीला पैर एतेक धियान नै धरु 
रखु सम्हैर जुवानी  जिआन  नै करू   
होबए दिय कने राईत एखन हैरान नै करू    
प्रेम  सागर  में  डुबकी  लगाएब  हम  अहांक  संग 
मोन के सम्हैर  रखु पिया एखन नै करू तंग 
अरमान अहांक पुराएब हमरो मोन में अछि उमंग  
रखु मोन पैर काबू पिया हम आएब अहांक संग
सास  मोर  आँगन  नंदी  बैसल  छथि  ओसार 
ससुर मोर दलान दियर जी बैसल छथि दुवार 
लाज सरम सं देह कपैय नीक लगैय नहि दुलार 
पैयाँ परैतछि सैयां जी खोलिदिय नए केवार
घरक मर्यादा रखु पिया करू नै नादानी 
घर केर जुनी बुझियौ बलम फ़िल्मी कहानी 
लोक बेद्क रखु मन बनू नै अज्ञानी 
छोड़ी दिय आँचर सैयां करू नै मनमानी  
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट 

 
 
 
 
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