Ads by: Mithila Vaani

शनिवार, 28 जनवरी 2012

सब सँ आगु आगु छी

के कहैत अछि निर्धन छी हम
थाकल हारल मारल छी
हम छी मैथिलपुत्र
दुनियाँ में सब सँ आगु-आगु छी

देखु श्रृष्टिक संगे देलौंह
विदेह,जनक,जानकी हम
आर्यभट्ट, चाणक्य
दोसर नहि, बनेलौंह हम

पहिल कवी श्रृष्टिक
वाल्मीकि बनोलक के
कालिदास कए कल-कल वाणी
छोरि मिथिला दोसर देलक के

विद्यापति आ मंडन मिश्र सँ
छिपल नहि इ विश्व अछि
दरभंगा महाराजक नाम
भारतवर्ष में बिख्यात अछि

राष्टकविक उपाधि भेटल जिनका
मैथिलीशरण मिथलेक छथि
दिनकरकेँ जनै छथि सब
यात्री छुपल नहि छथि

कुवर सिंह आ मंगल पाण्डे
फिरंगीक सिर झुकौने छथि
गाँधीजी असहयोग आन्दोलन
एहिठाम सँ केने छथि

देशक प्रथम राष्टपति भेटल
मिथिलाक पानिक सुद्धि सँ
दिल्लीकेँ बसेलक कहु
ए.एन.झाक बुद्धि सँ

आई.आई.टी.में अधिकार केकर अछि
मेडिकल हमरे अन्दर अछि
विश्वास नहि हुए त आंकड़ा देखु
सबटा आईएएस हमरे अछि |
***जगदानन्द झा 'मनु'

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

  © Mithila Vaani. All rights reserved. Blog Design By: Chandan jha "Radhe" Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP