गज़ल - अजय ठाकुर (मोहन जी)
| सब त दारू के बोतल मुँह सऽ उठा क पिबै या / | 
| "मोहन जी" गिलास में कने पिलैथ त की भेल // | 
| सब पर्दा में दुनियाँ के ठगे या और चोरी करे या / | 
| हम कोनो लड़की के दिल चोरा लेलो त की भेल // | 
| चोर सब चोरी के लेल राईत अन्हरिया मंगैत या / | 
| हम प्यार करे के लेल ईजोरिया मंगलो त की भेल // | 
| भगवान स दुनियाँ पाई-रूपया घर-दुआर मगैंत या / | 
| हम सुंदर सुशिल सभ्य लड़की मंगलो त की भेल // | 
| सब त दारू के बोतल मुँह सऽ उठा क पिबै या / | 
| "मोहन जी" गिलास में कने पिलैथ त की भेल // | 
 
 
 
 
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