अन्हार घरमे इजोर भोगेलैय@प्रभात राय भट्ट
अहांक रूप निहारैत निहारैत भोर भोगेलैय //२
चन्द्रबदन  यए  मृगनयनी 
अहांक उर्वर काया रूपक माया 
मोन मोहिलेलक हमर............. 
यए सजनी मोन मोहिलेलक हमर 
अहांक अबिते अन्हार घरमे इजोर भोगेलैय //
अहांक रूप निहारैत निहारैत भोर भोगेलैय //२
नहीं रहिगेल आब दिल पैर काबू 
मोन मोहिलेलक अहांक रूपक जादू 
अहिं सं हम  करैतछी प्रीत 
दिल अहां लेलौं हमर जित  
अहांक अबिते अन्हार घरमे इजोर भोगेलैय // 
अहांक रूप निहारैत निहारैत भोर भोगेलैय //२
चलैतछी गोरी मटैक मटैक 
पातर कमर हिलाक 
लचैक लचैक झटैक झटैक 
गोर गाल पैर कारी लट गिराक 
अहांक अबिते अन्हार घरमे इजोर भोगेलैय // 
अहांक रूप निहारैत निहारैत भोर भोगेलैय //२
नैन नशीली गाल गुलाबी 
ठोर लागैय सजनी सराबी
रसगर ठोर भरल जोवनक मधुशाला 
तृप्त कदिय सजनी पीयाक एक घूंट प्याला 
अहांक अबिते अन्हार घरमे इजोर भोगेलैय //
अहांक रूप निहारैत निहारैत भोर भोगेलैय //२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

 
 
 
 
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