Ads by: Mithila Vaani

शनिवार, 31 दिसंबर 2011


गजल@प्रभात राय भट्ट

                           गजल
नव वर्षक आगमन के स्वागत करैछै दुनिया 
नव नव दिव्यजोती सं जगमग करैछै दुनिया
 
विगतके दू:खद सुखद क्षण छुईटगेल पछा 
नव वर्षमें सुख समृद्धि  कामना करैछै दुनिया 
 
शुभ-प्रभातक लाली सं पुलकित अछी जन जन
नव वर्षक स्वागत में नाच गान करैछै दुनिया
 
नव वर्ष में नव काज करैएला आतुरछै सब
शुभ काम काजक शुभारम्भ में लागलछै दुनिया
 
नव वर्षक वेला में लागल हर्ष उल्लासक मेला
मुश्की मुश्की मधुर वाणी बोली रहलछै दुनिया
 
जन जन छै आतुर नव नव सुमार्गक खोजमे 
स्वर्णिम भाग्य निर्माणक अनुष्ठान करैछै दुनिया
 
धन धान्य ऐश्वर्य सुख प्राप्ति होएत नव वर्षमे
आशाक संग नव वर्षक स्वागत करैछै दुनिया
.............................वर्ण-१९.......................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

  © Mithila Vaani. All rights reserved. Blog Design By: Chandan jha "Radhe" Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP