गीत -जगदानंद झा 'मनु'
लगबयौन-लगबयौन हिनकर बोली ई,दूल्हा आजु कए 
हिनकर बर मोल छैन,ई त दूल्हा आजु कए 
हिनकर बाबु बिकेलखिन लाखे,बाबा कए हजारी 
लगबयौन मिल जुइल कए बोली ई दूल्हा आजु कए 
हिनकर गुण छैन बरभारी,ई रखै छथि दू -टा बखारी
दरबज्जा पर जोड़ा बडद,रंग जकर छैन कारी
भैर दिन ई पौज पान करैत छथि,जेना करे पारी
भोरे उठी ई लोटा लs कs पिबए जाए छथि तारी
साँझु-पहर चौक पर जेता,चाहियैंह हिनका सबारी
ई छथि मएक बर-दुलरुआ,हिनका दियौंह एकटा गाड़ी 
हिनकर गुण छैन बरभारी ई पिबई छथि खाली तारी 
हिनका पहिरए आबै छैन नहि धोती,दियौन जोर भैर साडी 
लगबयौन-लगबयौन हिनकर बोली ई,दूल्हा आजु कए 
हिनकर बर मोल छैन,ई त दूल्हा आजु कए 
***जगदानंद झा 'मनु'
 
 
 
 
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