Ads by: Mithila Vaani

मंगलवार, 15 मार्च 2011

दुईगोट मैथिली फगुआ गीत - रचनाकार: जितमोहन झा (जितू)...

नव नवेली नवयौवना सँ विवाह रचेलाक बाद पतिदेव रोजगारक तलाश मे परदेश चैल जैत छथिन! ओ अपन अर्धांग्नी सँ वादा के कs गेल छथिन, की किछ दिन मे कमा - धमा कs ओ वापस गाम ओउता! तकर बाद बड्ड धूम - धाम सँ हुनकर दुरागमन करोउता! मुदा एहेंन नै भेल! प्रियतमक बाट जोहैत - जोहैत ओय नवयुवतीक व्यथा कs हम फगुआ गीतक माध्यम सँ अपने लोकैंन के बिच व्यक्त करे चाहे छी!!! जितमोहन झा (जितू)....

(१) पहिलुक फगुआ गीत...

लागल अछि फागुन मास यो पिया !
हमर कहियो नै भेलई सुदिनवां !!

अगहन निहारलो, हम पूष निहारलो,
माघ महिनवां मे जिया अकुलाबय,
चरहल फागुनवां रिझाबई यो पिया !
हमर कहियो नै भेलई सुदिनवां !!
लागल अछि फागुन.........

राह देखि - देखि हमर दिनवां बीतल,
जुल्मी सजनवां परदेशिया मे खटल,
'पंडित' कs हमर सुधिया नै आबई,
चढ़ल अछि हमरो जवनिया यो पिया !
हमर कहियो नै भेलई सुदिनवां !!
लागल अछि फागुन.........

आमक गाछ पर बाजै कोयलिया,
सुनी-सुनी करेजा मs लागैत अछि गोलिया,
चिट्ठी नै सन्देशवां पठेलो यो पिया !
हमर कहियो नै भेलई सुदिनवां !!
लागल अछि फागुन.........

जल्दी सँ अहाँ टिकटवां कटायब,
एहिबेर बलम हमर गवना करायब,
अहाँ सँ मिल कs जियरा जुरायत,
कचका कोरही सँ फूल फुलायत,
छुटत संगतुरियाकें ताना यो पिया !
हमर कहियो नै भेलई सुदिनवां !!
लागल अछि फागुन मास यो पिया.....


(२) दोसर फगुआ गीत....

फगुआ मे जियरा नै जुरायब यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!

गामक मोहल्ला के राह सजैत अछि,
गल्ली गल्ली मे जोगीरा चलैत अछि,
ढोलक के थाप पर बुढबो नाचैत छैथ,
बुढबो गाबैत छैथ जोगीरा यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा.............

तोरी उखैर गेल, गहुमो पाइक गेल,
आमक गाछ मे मोजर लैद गेल,
सखी सहेली करैत छली मस्करियां,
दूध भंगा घोटायत अपने दुवरियां,
ननदों के बहकल बोलीयां यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा.............

देवर जीक मन सन - सन सनकाई,
राह चलैत हुनक खूब मोंन बहकाई,
देखि के जियरा डराबे यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा..............

गामक छौरा सभ बाजैत अछि कुबोली,
कहलक भोउजी खेलब अहिं संग होली,
रंग गुलाल सँ रंगब अहाँक चोली,
भोउजी भोउजी कैह घेरयाबे यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा..............

आस परोसक लोग ताना मारैत छैथ,
बूढियो मई सेहो मुह बिच्काबैत छैथ,
छौरा जुआन सभ मिल खिस्याबैत छैथ,
चलैत अछि करेजा पर बाण यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा.............

अहाँक बिना सेजयो नै सोभई,
रहि रहि जियरा हमर रोबई,
अहाँक कम्मे पर करब कुन गुमानवां,
सबके बलम छैथ आँखक समनवां,
कोरा मे कहिया खेलत लालनमां यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा..............

सैयां "जितू" कोना गेलो भुलाई,
सावन बीतल आब फगुओ बीत जाई,
अहींक संगे रंगायब हम अपन सारी,
कतो रहब जून पियब भाँग तारी,
फगुआ मे जिया नै जराबू यो पिया !
हमर पाउते चिट्ठी चल आयब !!
फगुआ मे जियरा.............

हमरा आ ब्लॉग परिवारक तरफ सँ समस्त मैथिल बंधूगन के फगुआक हार्दिक शुभकामना....

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

  © Mithila Vaani. All rights reserved. Blog Design By: Chandan jha "Radhe" Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP