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मंगलवार, 22 मार्च 2011

संस्कृती की विडंबना

संस्कृती की विडंबना का
जखन जखन एहसास होया
एकटा प्रश्न बार बार
दिल में तीर जाका चुभेया
हिंदी और अंग्रेजी के बरसात में
मैथिलि भाषा धुंधला से भय गेल
कोण बाला के कारन अपन
संस्कृती अचानक खो गेल
की भेल एहन जे अपन
चन्दन गावर भय गेला ?
शब्दों के असर खो गेल
परिभाषा धुंधला सय भय गेल
कहा गेल ओ पत्थर के पता
चतुराई हवा भय गेल
की भेल एहन जे अपन
चन्दन गावर भय गेला

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