विपदा अनेक अइ!
मिथिला के नौनिहाल छी हम
काइल के लेल तैयार छी हम!
जे आइब रहल अछि
प्रखर-पुँज
ओइ नव युग के
आधार छी हम।
काइल के लेल तैयार छी हम!
हम छी भविष्य अइ मिथिला के,
छी नौनिहाल अइ धरती के;
जे ताइक रहल अछि
घुइर-घुइर,
ओइ स्वर्णयुग के
आसार छी हम।
काइल के लेल तैयार छी हम!
विपदा अनेक अइ!
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