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रविवार, 11 दिसंबर 2011

"मिथिला का आँचल"

शंकर झा जी द्वारा लिखा "मिथिला का आँचल" किताब,
के हम किछु संछिप्त बिबरन हम आहा सब के समक्ष प्रस्तुत करे छि..
''इ किताब मैथिलि में नय हिन्दी में लिखल गेल अच्छी''
एस किताब में मिथिलांचल के ग्रामीण परिवेश,बच्चो को उनके अभिभावक द्वारा शुशंस्कारित करने का तरीका,
मिथिला का विशिष्ट त्योहारों,पर्यटन हेतु रमणीय व् दर्शनीय स्थलों, शुप्रख्यात साहित्यकारों व उनकी शास्वत रचनाओं,
संकीर्तन विभूतियों के समवेस के साथ-साथ मिथिलांचल का आध्यात्मिक पूजा-पाठ का महत्त्व, पूजा करने का सही तरीका का भी उल्लेख है
आज के युग की कुछा ज्वलंत विषय यथा टेलीविजन कम्प्यूटर, इन्टरनेट,मोटर साइकल, मोबाइल-फोन, जंक फुड के कुप्रभाव तथा इनका सही उपयोग किस प्रकार सुनिशचत किया जाए, का भी लेख है !
इतना ही नहीं आज प्रेम- प्रशंग- जनित अपराध की बाढ़ किस कारन से आई है, उसके निदान के उपाय के साथ ही मिथिला के विशिष्ट प्रेम- प्रशंग की झलके भी मिलेंगे
जो मैथिल प्रतियोगिता परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है उनके लिए मिथिला पेंटिग/मधुबनी पेंटिग का इतिहास, उसका विकास, विकास-क्रम में बाजारवाद के कारन मूल स्वरूप पर चोट, तथा इसका संरक्षण के बारे में विस्तृत व दुर्लभ जानकारी का संकलन कर प्रस्तुत किता गया है, जो प्रतिभागियों हेतु बहुमूल्य साबित होगा!

शंकर झा जी के परिचय
जन्म तिथि:- 05 -02 -1965
ग्राम:- अंधरा ठाढी (जिला मधुबनी )
पिता:- स्व.दिगम्बर झा
पेशा:- मध्य प्रदेस लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 1991 में चयनित होकर राज्य बितसेवा में प्रवेश!
संप्रति : संयुक्त संचालक ( वित ) पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ में पदस्था!
संपर्क:- 09425209181
इ-मेल :- shankarjharaipur2008@gmail.com

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