गजल
आइ चलू संगे प्रेम गीत गेबै प्रिय
एकटा प्रेमक महल बनेबै प्रिय
नेहक गिलाबा सौं जोरबै हम भीत
फूल पात सौ हम सेज सजेबै प्रिय
मोनक झरोखा बैस दिवस काटब
दुनु मिली आँखिक तीर चलेबै प्रिय
प्रेमक परिभाषा सबहक बुझेबै
प्रेम दीप ओ महल में जरेबै प्रिय
स्वप्नक नग्र सौं बहार आबि प्रीतम
हम प्रेमक प्रगाढता देखेबै प्रिय
वर्ण ----14
रूबी झा
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