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गुरुवार, 17 मई 2012

गजल

आइ चलू संगे प्रेम गीत गेबै प्रिय
एकटा प्रेमक महल बनेबै प्रिय

नेहक गिलाबा सौं जोरबै हम भीत
फूल पात सौ हम सेज सजेबै प्रिय

मोनक झरोखा बैस दिवस काटब
दुनु मिली आँखिक तीर चलेबै प्रिय

प्रेमक परिभाषा सबहक बुझेबै
प्रेम दीप ओ महल में जरेबै प्रिय

स्वप्नक नग्र सौं बहार आबि प्रीतम
हम प्रेमक प्रगाढता देखेबै प्रिय

वर्ण ----14
रूबी झा

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