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शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

------------- गजल----------

हमर आँखीमें अछि, नोर भरि गामक
हमर आँखीमें अछि , मोर भरि गामक!

हमर आँखीमें कतेक रौदी आ दाही
हमर आँखीमें अछि,चोर भरि गामक !

हमर आँखीमें हमर पाग आ मुरेठा
हमर आँखीमें अछि,जोर भरि गामक !

हमर आँखीमें अछि, बेगरताक अन्हड़
हमर आँखीमें अछि,सोर भरि गमक !

हमर आँखीमें अछि रहरी बाबक गाछी
हमर आँखीमें अछि, नोर भरि गमक!

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