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शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

गजल


कर जोडै छी सरकार आब रह' दियौ।
कते करब भ्रष्टाचार आब रह' दियौ।

'टू जी', चारा, खान घोटाला, किछो नै छूटल,
भरि गेल अछि 'तिहाड' आब रह' दियौ।

मुखिया बनै सँ पहिने चलै छलौं पैरे,
कोना चढ' लगलौं कार आब रह' दियौ।

कण्ठ मोकि जनताक कते राज करब,
जनता नै छै यौ लाचार आब रह' दियौ।

कोना फूसि बाजि अहाँ "ओम" केँ ठकि लै छी,
केलियै लाजक संहार आब रह' दियौ।
----------- वर्ण १५ ----------------

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